जिन्दगी जीने के दौरान जो कुछ भाव जागे, कुछ प्रश्न उगे, कुछ कोमल कुछ कठोर उन्हें शब्दों में लिख दी। जमा हो कविता बन गये और अब आपके सामने है। अगर पसन्द आये पाठक को तो कोशिश मेरी सफल होगी।