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Uddhaar Ka Sandesh: Masih Mein Naya Jeevan

AKA: उद्धार का संदेश: मसीह में नया जीवन
Author(s): Rohit Adarsh Samuel
327

  • Language:
  • Hindi
  • Genre(s):
  • General Fiction
  • ISBN13:
  • 9789359115177
  • ISBN10:
  • 9359115177
  • Format:
  • Paperback
  • Trim:
  • 5x8
  • Pages:
  • 103
  • Publication date:
  • 26-Oct-2024

  •   Available, Ships in 3-5 days
  •   10 Days Replacement Policy

Also available at

"उद्धार" पर आधारित यह ग्रंथ बाइबिल के आध्यात्मिक संदेश को नई गहराई में समझाने का प्रयास करता है, जो हर व्यक्ति के जीवन में ईश्वर द्वारा प्रदत्त मुक्ति और प्रेम को उजागर करता है। बाइबिल में उद्धार का अर्थ केवल पापों से मुक्ति नहीं है, बल्कि परमेश्वर के साथ एक वास्तविक और स्थायी संबंध स्थापित करना भी है। यह ग्रंथ यीशु मसीह के जीवन और उनके बलिदान के मूल्य को विस्तार से वर्णित करता है। बाइबिल की दृष्टि में, यीशु मसीह का क्रूस पर चढ़ना मानवता को पापों से मुक्ति देने के लिए महत्वपूर्ण था। पुस्तक में प्रेम, क्षमा और अनुग्रह के मूल सिद्धांतों को भी स्पष्ट किया गया है। बाइबिल हमें यह सिखाती है कि उद्धार केवल व्यक्तिगत लाभ का विषय नहीं है, बल्कि दूसरों के प्रति प्रेम और क्षमा की भावना का भी समावेश होता है। इसके अलावा, पवित्र आत्मा की महत्ता को भी गहराई से प्रस्तुत किया गया है। पवित्र आत्मा मसीही अनुयायियों को आध्यात्मिक जीवन जीने और उद्धार की राह पर चलने के लिए प्रोत्साहित करती है, जो जीवन की कठिनाइयों और पापों से पार पाने में सहायक होती है। "उद्धार" इस यात्रा को स्पष्ट करती है, जिसमें हर व्यक्ति को अपने पापों के लिए पश्चाताप करना और यीशु में विश्वास करके अपने जीवन में बदलाव लाने की कोशिश करनी होती है। यह ग्रंथ दर्शाता है कि उद्धार केवल एक भविष्य का आश्वासन नहीं है, बल्कि वर्तमान में आत्मिक शांति और ईश्वर के साथ संबंध का अनुभव करने का अवसर है। यह ग्रंथ उन सभी के लिए एक मूल्यवान धरोहर है, जो अपने जीवन को परमेश्वर के प्रेम, क्षमा और मार्गदर्शन में समर्पित करना चाहते हैं, और इस पवित्र उद्धार की यात्रा में कदम रखना चाहते हैं।

Rohit Adarsh Samuel

Rohit Adarsh Samuel

रोहित आदर्श सैमुएल का जन्म और पालन पोषण उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में मसीही परिवार में हुआ। छोटे भाई सुमित अनुपम सैमुएल हैं । बचपन से दोनों भाइयों ने अपनी मां श्रीमती रोजलिन सैमुएल जो कि परमेश्वर की दया से गोरखपुर के मेडिकल कालेज में सीनियर मैट्रन हैं तथा पिता स्वर्गीय सुनील फिलिप सैमुएल से प्रभावित होके गरीबों तथा दीन दुखियों की मदद करने में प्राथमिकता दी। वर्ष 2009 में प्रभु यीशु मसीह को अपना उद्धारकर्ता के रूप में स्वीकार किया, जल से डूब का बपतिस्मा लेकर प्रभु यीशु की आज्ञा का पालन किया। वर्ष 2013 में अपनी बी एस सी नर्सिंग तथा वर्ष 2017 में एम एस सी नर्सिंग की डिग्री प्राप्त की।

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